गणेश पूजा से श्रीगणेश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आधारित पुस्तक ‘लोकतंत्र की शक्ति’ का भव्य विमोचन

नई दिल्ली। गणेश जी की पूजा-अर्चना के साथ जिस समारोह का श्रीगणेश हुआ, वह भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा और आदिवासी समाज की अस्मिता के लिए ऐतिहासिक अवसर बन गया। इस पावन माहौल में देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के संघर्षों और उपलब्धियों पर आधारित डॉ. रवि शर्मा की पुस्तक ‘लोकतंत्र की शक्ति’ का विमोचन भारत सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम के कर-कमलों से संपन्न हुआ।

समारोह में पत्रकारिता जगत के वरिष्ठतम साथी श्री प्रदीप पंडित, वरिष्ठ पत्रकार डॉ कमल शर्मा, हिमाचल से आए चर्चित पत्रकार युवराज बोध जी तथा नवोदित सहयोगी गरिमा शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ने इस पुस्तक को लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया और लेखक डॉ. रवि शर्मा के इस प्रयास की सराहना की।

पुस्तक का सार

‘लोकतंत्र की शक्ति’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन संघर्षों और उनके सार्वजनिक जीवन की यात्रा को विस्तार से रेखांकित करती है। सरल आदिवासी परिवार से निकलकर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचने का उनका सफ़र न केवल प्रेरणादायी है बल्कि भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता का भी प्रमाण है।

लेखक डॉ. रवि शर्मा ने पुस्तक में राष्ट्रपति मुर्मू की बाल्यावस्था, शिक्षा, अध्यापन जीवन, राजनीति में प्रवेश, झारखंड की राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिका और अंततः भारत की राष्ट्रपति बनने तक की यात्रा को भावनात्मक और तथ्यपरक शैली में प्रस्तुत किया है। यह कृति आदिवासी समाज, महिलाओं और आम जनमानस को यह संदेश देती है कि लोकतंत्र में कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रतिभा और संघर्ष का सम्मान अवश्य होता है।

*विमोचन पर किसने क्या कहा

पुस्तक विमोचन करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम ने कहा,
“द्रौपदी मुर्मू जी का जीवन करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा है। यह पुस्तक उनके संघर्षों और उपलब्धियों का दस्तावेज़ है। आदिवासी समाज को यह संदेश मिलेगा कि परिश्रम और ईमानदारी से कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च पद तक पहुँच सकता है। यह सिर्फ़ एक जीवनी नहीं बल्कि लोकतंत्र की शक्ति का जीवंत उदाहरण है।”

लेखक डॉ. रवि शर्मा ने अपने संबोधन में कहा,
“मैंने यह पुस्तक गणेश जी को समर्पित की है क्योंकि हर शुभ कार्य की शुरुआत उनके आशीर्वाद से होती है। यह कृति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उस जीवन दर्शन को सामने लाती है जो हमें सादगी, संघर्ष और सेवा का संदेश देता है। यह पुस्तक लोकतांत्रिक भारत में महिला और आदिवासी समाज की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।”

वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रदीप पंडित ने कहा कि यह पुस्तक पत्रकारिता और साहित्य दोनों दृष्टियों से मूल्यवान है। उन्होंने कहा, “डॉ. रवि शर्मा का लेखन हमेशा सामाजिक सरोकारों से जुड़ा रहा है। ‘लोकतंत्र की शक्ति’ पाठकों को न केवल राष्ट्रपति मुर्मू के जीवन से परिचित कराएगी बल्कि लोकतंत्र की गहराईयों को भी समझने का अवसर देगी।”

वरिष्ठ पत्रकार श्री कमल शर्मा ने टिप्पणी की कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए संदर्भ ग्रंथ सिद्ध होगी। हिमाचल से आए पत्रकार युवराज बोध जी ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू जैसी हस्तियों पर लेखन समाज के लिए दीपस्तंभ का कार्य करता है। वहीं, नवोदित सहयोगी गरिमा शर्मा ने कहा कि डॉ. रवि शर्मा का लेखन नई पीढ़ी के लिए प्ररेणा का स्रोत है और इस पुस्तक से युवा समाज को सीखने योग्य बहुत कुछ मिलेगा।

पुस्तक का महत्व
आज जब समाज निरंतर बदलाव के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में ‘लोकतंत्र की शक्ति’ जैसी कृति भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और विविधता को उजागर करती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा सिर्फ़ व्यक्तिगत सफलता की कहानी नहीं बल्कि सामूहिक चेतना का प्रतिबिंब है। उनका जीवन बताता है कि लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न आता हो, सर्वोच्च स्थान तक पहुँच सकता है

गणेश जी की पूजा से आरंभ हुआ यह विमोचन समारोह न केवल साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र के लिए बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को समझने के लिए भी यादगार बन गया। उपस्थित सभी अतिथियों ने यह विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक समाज में व्यापक प्रभाव डालेगी और आदिवासी समाज व महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।

‘लोकतंत्र की शक्ति’ केवल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन की गाथा नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की उस शक्ति का प्रमाण है जो साधारण से साधारण व्यक्ति को असाधारण ऊँचाइयों तक पहुँचने का अवसर देती है।

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Author: Insight News

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